जैसा कि हम सब जानते हैं कि 1 अप्रैल को हम April Fool Day के रूप में मनाते हैं हर कोई व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को मूर्ख बनाने का भरपूर प्रयास करता है और वहीं दूसरी तरफ हर कोई व्यक्ति अप्रैल फूल बनने से बचने का प्रयास करता| इसलिए इस दिन किसी व्यक्ति को प्राप्त सूचनाओं को वह पहले जांच कर ही उस पर भरोसा करता है क्योंकि उसे किसी भी व्यक्ति पर भरोसा नहीं होता|
अप्रैल फूल दिवस प्रत्येक वर्ष के 1 अप्रैल को मनाया जाता है जो कुछ अफवाहों शरारत और मजाक करके मनाया जाता है जब अप्रैल फूल बनने वाले व्यक्ति को पता चल जाता है तो मूर्ख बनाने वाला व्यक्ति उसे April Fool बोलकर वह अपनी शरारत का खुलासा करता है|
तो चलिए अब जान लेते हैं अप्रैल फूल का इतिहास अखिल अप्रैल फूल दिवस क्यों मनाया जाता है और किस लिए मनाया जाता है?
क्यों मनाते हैं अप्रैल फूल दिवस ?
April fool day 19 वी शताब्दी से बहुत प्रचलन में है हालांकि इस दिन कोई स्पेशल छुट्टी नहीं होती और ना ही इसे अलग से सेलिब्रेट किया जाता है,
चौसर की कैंटरबरी टेल्स (1392) एक कहानियों का संग्रह थी। उसमें एक कहानी "नन की प्रीस्ट की कहानी" मार्च के 30 दिन और 2 दिन में सेट थी। जिसे printing की गड़बड़ी समझी जाती है, और विद्वानों/specialist के हिसाब से चौसर ने असल में march खत्म होने के बाद के 32 दिन लिखे थे इसी कहानी में-एक घमंडी मुर्गे को एक चालाक लोमड़ी द्वारा बेवकूफ भी बनाया गया था।
सऩ् 1539 में फ्लेमिश कवि एडवर्ड डे डेने ने एक ऐसे ऑफिसर के बारे में लिखा जिसने अपने नौकरों को एक बेवकूफी की यात्रा पर 1 अप्रेल को भेजा था। सऩ् 1968 में इस दिन जॉन औब्रे ने मूर्खों की छुट्टी का दिन कहा था क्योंकि 1 april को बहुत से लोगों को बेवकूफ बनाकर London के Tower पर एकत्रित किया गया था।
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