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रक्षा बंधन क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है ? Why rakshabandhan is celebrated 2018

रक्षाबंधन हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो देश में हर जगह मनाया जाता है बल्कि यहां विदेशों में भी मनाया जाता है जहां हिंदू लोग रहते हैं रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है |


रक्षा बंधन क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है ? Why rakshabandhan is celebrated 2018–

सावन के माह मनाया जाने के कारण इसे सावन सलोनी भी कहते हैं 2018 में रक्षाबंधन  26 अगस्त को मनाया जाएगा रक्षाबंधन में रक्षा सूत्र को बहुत महत्व दिया जाता है राखी कच्चे सूत से लेकर महंगी धातु जैसे सोने चांदी से बनी हो सकती है राखी सामान्यता बहनें अपने भाइयों की कलाई पर बांधती है और भाई के स्वस्थ जीवन की कामना करती है और भाई उसको बदले में उपहार देता है हर साल रक्षाबंधन के त्यौहार के मुहूर्त में एक असमंजस रहती है क्योंकि यह रक्षाबंधन के दिन भद्रा रहती है इस वर्ष 2018 रक्षाबंधन में अच्छी बात यह है कि भद्रा नहीं है इसलिए रक्षाबंधन पूरे दिन मनाया जा सकता है लेकिन बीच में कुछ समय को छोड़कर क्योंकि बीच में अशुभ चौघड़िया राहुकाल गुली काल और राम घंटा रहेगा.

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 रक्षा बंधन क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है ? Why rakshabandhan is celebrated 2018

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पौराणिक प्रसंग-

महाभारत- महाभारत में भी राखी के प्रसंग की व्याख्या की गई है जब शिशुपाल का वध करते समय भगवान श्रीकृष्ण की तर्जनी उंगली उनके सुदर्शन चक्र से कट गई थी तो द्रोपदी ने अपनी साड़ी का एक पल्लू फाड़कर भगवान श्री कृष्ण की उंगली पर बांधा था यहां भी श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था और जब और जब द्रौपदी का चीर हरण हुआ था भगवान श्री कृष्ण ने उनकी मदद की थी रक्षाबंधन में परस्पर सहयोग और एक दूसरे की मदद करने की भावना निहित होती है


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ऐतिहासिक प्रसंग-

राजपूत लोग जब लड़ाई पर जाते थे तो महिलाएं के माथे पर तिलक और हाथ में एक रेशम का धागा बांधती की थी उनको रेशम के धागे पर विश्वास था कि वह विजय बनकर वापस लौटेंगे
कहते हैं कि मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुर शाह जफर द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की सूचना मिली तो रानी कर्मावती युद्ध करने में असफल थी तो उन्होंने मुगल बादशाह हुमायूं को रक्षासूत्र भेज कर रक्षा करने की याचना की तो हमारी मुस्लिम होकर भी मेवाड़ पहुंचकर उसने बहादुर शाह जफर के विरुद्ध लड़ाई लड़कर मेवाड़ राज्य की रक्षा की

प्रातः 9.18 से 10.53 तक लाभ प्रातः10.53 से 12.28 तक अमृत दोपहर: 2.03 से 3.38 तक शुभ सायं: 6.48 से 8.13 तक शुभ रात्रि: 8.13 से 9.38 तक अमृत रात्रि: 9.38 से 11.03 तक चर

:)आइए जानते हैं रक्षाबंधन का शुुभ मुहूर्त क्या है?

प्रातः 7:43 से 9:00 18 तक
प्रातः 9:18 से 10:53 तक
प्रातः 10:53 से 12:28 तक
दोपहर 2:03 से 3:38 तक
 सायं 6:48 से 8:13 तक
रात्रि 8:13से 9:38 तक
रात्रि 9:38 से 11:03 तक

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